मजदूर डायरी के नाम पर दिनदहाड़े हुई लूट!
मजदूरों के खून पसीने की कमाई आखिर कहां रखोगे?
नागौर। मंगलवार शाम 4:00 बजे एसपी बंगले के पीछे स्थित श्रम विभाग कार्यालय में काफी संख्या में मजदूरों की भीड़ हो हल्ला करती नजर आई। देखने पर माजरा समझ में आया कि बीकानेर के एक कथित एनजीओ के नाम से मजदूर डायरी बनाने के नाम पर धोखाधड़ी की गई। प्रत्येक मजदूर से ₹500 अवैध तरीके से वसूले गए।
वसूली के लिए बाकायदा शहर की हर गली मोहल्ले में पिछले एक सप्ताह तक शिविर लगाया गया। पहले से ही बदनाम श्रम विभाग ने एनजीओ के प्रतिनिधियों को वसूले गए रुपए वापस करने का आदेश दिया। रुपए वापस देने की सूचना मिलते ही श्रमिकों की भीड़ लगातार बढ़ती गई। हालत बेकाबू हुए एनजीओ के प्रतिनिधि के पास पैसे खत्म हुए तो फरार हुआ। बात थाने तक पहुंची।
शहर में एनजीओ द्वारा मजदूरों के साथ किया गया धोखाधड़ी का मामला बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है। मजदूरों को मजदूर डायरी बनाने के नाम पर रुपए ठगना न केवल अनैतिक है, बल्कि यह उनके अधिकारों का भी उल्लंघन है।
मजदूरों की मेहनत और पसीने से कमाई गई राशि को ठगना उनके साथ अन्याय है। यह मामला न केवल एनजीओ की विश्वसनीयता पर सवाल उठाता है, बल्कि यह हमारे समाज में व्याप्त भ्रष्टाचार और अनैतिकता को भी उजागर करता है।
इस मामले में पुलिस को तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए और एनजीओ के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए। साथ ही, मजदूरों को उनकी राशि वापस दिलाने के लिए भी प्रयास किए जाने चाहिए।
यह मामला हमें यह भी सोचने पर मजबूर करता है कि हमारे समाज में ऐसे लोगों को कैसे रोका जा सकता है जो गरीब और कमजोर लोगों को ठगते हैं। हमें अपने समाज में जागरूकता फैलाने की जरूरत है और ऐसे लोगों के खिलाफ खड़े होने की जरूरत है जो अनैतिक और अवैध गतिविधियों में शामिल हैं।


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