नागौर शहर में मौत का पुलिया अब और कितनी जाने लगा? कार्रवाई होगी या फिर होगा नए हादसे का इंतजार!
नागौर। कल दिन भर में प्रदेश में हुए तीन हादसों ने आम आदमी को झकझोर दिया है। नागौर जिले में हुए दो हादसों में 6 लोगों की मौत और करौली हादसे में नौ लोगों की मृत्यु दुखद है। लेकिन नागौर शहर के खतरनाक पुलिया पर हुए हादसे की बात करें तो आम आदमी यही कह रहा है कि यह पुलिया मौत का पुलिया बन चुका है। इस पुलिया पर मात्र कुछ महीनो में ही पांचवा हादसा हुआ है। कल एक ही दिन में एक ही परिवार के चार जने मौत के मुंह में समा गए।
लगातार हादसों के बाद एनएच अथॉरिटी ने 30 किमी स्पीड का बोर्ड लगाकर अपने कर्तव्यों की इतिश्री कर ली है। यह पुलिया गलत तरीके से विभिन्न खामियों के साथ बनाया हुआ है। पूल के दोनों तरफ सर्विस रोड भी सही नहीं है। सर्विस रोड से पुलिया पर चढ़ने के लिए हर वाहन चालक को रिस्क उठानी पड़ रही है। जानकारी अनुसार कल के हादसे में मोटरसाइकिल सवार भी रेलवे फाटक बंद होने से सर्विस रोड पर आकर पुलिए पर चढ़ रहा था।
दूसरी और बस संचालक ज्यादा से ज्यादा सवारियां बटोरने के चक्कर में स्पीड से कोई कंप्रोमाइज नहीं कर रहे हैं। कल का हादसा उसी का एक उदाहरण है, 30 की स्पीड वाले खतरनाक पुलिया पर लगभग 80 की स्पीड से अंधाधुन गाड़ी दौड़ा रहा था। जिसके कारण ही सामने आए मोटरसाइकिल को बचाने के लिए स्पीड कम नहीं कर पाया, और पांचौड़ी थाना क्षेत्र के गांव देऊ निवासी एक ही परिवार के शफी खां उनका पुत्र, पुत्रवधू और साली की मृत्यु हो गई।
यहां गौर करने वाली बात यह रही कि करीब 50 किलोमीटर दूर से आई दो सवारी की क्षमता वाली बाइक पर चार सवारियां बैठी? ट्रैफिक नियम अनुसार यह गलत है। बाइक चलाते वक्त हेलमेट पहनना जरूरी है और दो से ज्यादा सांवरिया नहीं हो। वाहन तेज स्पीड से नहीं चलना चाहिए।
दूसरी और नियमों का पालन करवाने वाले परिवहन विभाग व ट्रैफिक पुलिस की अनदेखी से बाइक, बस, कैंपर जीप आदि वाहनों में क्षमता से अधिक सवारियां धड़ल्ले से बैठाई जा रही है। हादसे रोकने के लिए इन पर तुरंत प्रभाव से कार्रवाई होनी चाहिए।



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