जाको राखे साइयां... कड़ाके की ठंड में नवजात को फेंका, मॉर्निंग वॉक पर निकले चार दोस्तों को जिंदा मिली नवजात..
बाड़मेर. कड़ाके की ठंड में कोई 15 घंटे पहले जन्मी मासूम बच्ची को झाड़ियों में फेंक कर चला गया. वो कहते हैं ना "जाको राखे साइयां मार सके ना कोय" ठीक यही नवजात के साथ हुआ रात भर झाड़ियों के पीछे पड़े होने के बावजूद किसी जानवर ने नहीं छुआ। मासूम रातभर ठंड में ठिठुरती रही. सुबह जब चार दोस्त मॉर्निंग वॉक के लिए निकले तो उन्होंने मासूम के रोने की आवाज सुनी तो उन्होंने देखा कि एक बच्ची झाड़ियों में पड़ी रो रही है.
उन्होंने तुरंत ही उसे उठाया और अस्पताल में भर्ती कराया. इलाज के बाद बच्ची पूरी तरह से स्वस्थ है. यह घटना बालोतरा कस्बे की है, मांगीलाल, प्रकाश कुमार, राजू और मुकेश सुबह टहलने के बाद वापस घर लौट रहे थे. मुकेश ने बताया कि झाड़ियों में बच्ची के रोने की आवाज आ रही थी.
काफी देर ढूंढने के बाद नवजात बच्ची एक लिफाफे में मिली. जो शॉल से ढका हुआ था. आसपास के लोगों ने डराते हुए कहा कि पुलिस को सूचना दी तो खुद फंस जाओगे. लेकिन चारों दोस्त बच्ची को अस्पताल लेकर पहुंचे.
बच्ची स्वस्थ है और हेल्दी भी है-
डॉक्टरों ने बताया कि बच्ची पूरी तरह से स्वस्थ है. ठंड की वजह से नवजात का बॉडी टेंप्रेचर कम हो गया था, अब नॉर्मल है. बच्ची का वजन 2 किलोग्राम 700 ग्राम के आसपास है और करीब 15 घंटे पहले नवजात का जन्म हुआ है. जिसके बाद किसी ने उसे कोई झाड़ियों में फेंक गया.
हम दोस्तों का सबसे पहला मकसद यही था कि इस बच्ची की जान किसी तरह बचनी चाहिए। मौके पर कुत्ते व सूअर ज्यादा रहते हैं. अच्छा हुआ हम लोग पहुंच गए. वरना कुत्ते व सूअर खा जाते.


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