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शनिवार, 10 सितंबर 2022

बच्चा चोरी की अफवाह से दहशत. यूपी से लेकर राजस्थान तक बच्चा चोरी के शक में निर्दोषों की पिटाई. एक की मौत. जानिए कहीं आप भी तो नहीं हो अफवाह के शिकार?

बच्चा चोरी की अफवाह से दहशत. यूपी से लेकर राजस्थान तक बच्चा चोरी के शक में निर्दोषों की पिटाई. एक की मौत. जानिए कहीं आप भी तो नहीं हो अफवाह के शिकार?



यूपी से लेकर राजस्थान तक बच्चा चोरी की अफवाह इस एक बार फिर चरम पर है. इससे एक नहीं बल्कि चार राज्यों के विभिन्न जिलों में दशहत का माहौल है. कहीं भी भीड़ का एक झुंड़ किसी को भी शक होने पर पीट रहा है. ऐसे कई मामले अलग-अलग शहरों से सामने आए हैं. देश में इस वक्त एक ऐसे दुश्मन ने दस्तक दी है जो दिखता नहीं है. लेकिन किसी भी क्षेत्र में अशांति फैला देता है. सामान्य लोगों को कानून हाथ में उठाने के लिए लाचार कर देता है. अंजाने डर में असत्य को ही सत्य मानने के लिए मजबूर कर देता है. दुश्मन का नाम है अफवाह. जो कि उत्तराखंड के बाद झारखंड, बिहार और उत्तर प्रदेश और राजस्थान में फैल रही है.

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कैसे अफवाहें हमारे समाज के भीतर आतंक फैलाती हैं-

क्या आप भी बिना सोचे समझे कोई भी मैसेज वॉट्सएप पर फॉरवर्ड कर देते हैं? बिना सोचे समझे दिमाग लगाए मैसेज फॉरवर्ड करने का क्या नतीजा आप जानते हैं? अगर नहीं तो यहां जान लीजिए कि उत्तराखंड से चली एक साजिश ने उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड के दर्जनों जिलों को कैसे चपेट में लिया. कैसे एक ही पैटर्न से कई जिलों में अशांति फैल गई.

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सबसे पहली घटना उत्तर प्रदेश के देवबंद की. पांच मजदूर एक घर का लेंटर डालने के लिए देर रात तक काम करते हैं. उत्तर प्रदेश के देवबंद में जब वो घर लौट रहे होते हैं. तभी भीड़ उन्हें घेर लेती है. मजदूरों को बच्चा चोर समझकर पहले सवाल जवाब करती है. थोड़ी देर में भीड़ से एक शख्स शाहरुख नाम के मजदूर को गोली मार देता है. मजदूर की मौत हो जाती है. गोली मारने वाला और मजदूरों को घेरने वाली भीड़ सब सिर्फ एक अफवाह के शिकार है.

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अफवाह ये कि बच्चा चोर आएगा, बच्चे को लेकर चला जाएगा. इसी अफवाह की वजह से झुंड बनाकर लोग किसी कर्मचारी, किसी भीख मांगने वाले, किसी बुजुर्ग, किसी मानसिक रूप से कमजोर व्यक्ति को बच्चा चोर समझकर बुरी तरह पीट रहे हैं. यूपी, उत्तराखंड, बिहार, झारखंड हर तरह की पुलिस कह रही है कि कोई बच्चा चोर नहीं है, जनता अफवाहों से सतर्क रहे.

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इसी तरह सहारनपुर में पुराना वीडियो शेयर होता, वहीं कासगंज में टावर कर्मचारी को पीटा जाता है. यह सब बच्चा चोरी की अफवाह के चलते हुआ है. भीड़ को हिंसक बनाने वाला ये अफवाह का बवंडर इतना भर नहीं है. उत्तर प्रदेश के हरदोई में एक अंजान युवक को अपने गांव के पास देखकर भीड़ ने घेर लिया. हैंडपंप से रस्सी से बांध दिया. फिर भीड़ ने इसे भी बच्चा चोर समझकर पीटना शुरू कर दिया.


जानकारी सामने आई है कि बच्चा चोरी के जितने केस वाकई दर्ज हुए हैं. उससे कहीं ज्यादा बच्चा चोरी के नाम पर अफवाहों के केस सामने आ रहे हैं. इसकी वजह है आंखें बंद करके भरोसा कर लेने वाली बीमारी. तर्कशील ना होने देने वाली सियासत और माहौल बिगाड़ने वाली साजिश. क्या इसी का शिकार यूपी के तमाम जिले और कई राज्य हो रहे हैं. 


उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में भी बच्चा चोरी की अफवाह ने भीड़ को हिंसक बनाया है. जहां चार सिंतबर को मुरादाबाद के भोजपुर में दो लोगों को घेरकर देखिए सैकड़ों लोगों ने पीट दिया. सिर्फ एक अफवाह वही बच्चा चोरी वाली के कारण ये हुआ. इसी तरह सीतापुर में महिला को मारा गया. 65 साल की बुजुर्ग महिला को भीड़ तब घेर लेती हैं जब वो गांव में भीख मांग रही थीं. अफवाह भीड़ के दिमाग पर इस तरह काबू करती है कि तर्क भूलकर सीधे भीड़ ही कानून को अपने हाथ में ले लेती है. लेकिन बाद में पता चलता है कि ये महिला मानसिक रूप से विक्षिप्त थी


यूपी से बिहार तक बच्चा चोरी की अफवाह तैर रही है. बिहार के सीतामढ़ी में राकेश गुप्ता नाम के शख्स ने गाड़ी खरीदी. नई गाड़ी लेकर कुछ साथियों संग सीतामढ़ी घूमने निकला. लौटते वक्त इन लोगों ने शराबबंदी वाले बिहार में शराब पी. शराब के नशे में गाड़ी का रास्ते में एक्सीडेंट हुआ. बच्चा चोरी की अफवाह के जाल में फंसी भीड़ ने इन्हें बच्चा चोर मानकर पीटना शुरु कर दिया.


कहां से शुरू हुई अफवाह?

अब सवाल उठता है कि यूपी से बिहार और झारखंड तक फैली बच्चा चोर की अफवाह का ओरिजिन यानी शुरुआत कहां से हुई. सहारनपुर के एसपी राजेश कुमार ने बताया कि एक अफवाह इधर दो-तीन दिन से चल रही है, विशेष रुप से यह झबरेड़ा उत्तराखंड से शुरू हुई है और इसको लेकर कॉपी सोशल मीडिया पर दूर प्रचार किया जा रहा है. यानी कुछ ही दिन के भीतर तीन राज्यों में आगे फैली ये अफवाह असल में उत्तराखंड से शुरु हुई. जिसका सबूत हमें उधमसिंह नगर में मिलता है. जहां कुछ लोग घेरकर दो लोगों को मार रहे हैं कपड़ा फाड़ रहे हैं. जो आता है इनको बच्चा चोर मानकर हाथ साफ करने लगता है. 


उधम सिंह नगर में भीड़ इन्हें घेरकर अपने हिसाब से गुनाह तक कबूल करवाना चाहती है. दोनों कुछ बोल भी नहीं पाते हैं. दावा होता है कि ये मानसिक रूप से कमजोर लोग हैं.  जिन्हें भीड़ ने बच्चा चोरी की अफवाह के जाल में फंसकर घेरा और पीटना शुरू कर दिया. संभव है कि फिर आगे इसी वीडियो को वायरल किया जाता. जिससे अफवाह की स्पीड बढ़ती जाती.


दावे सिर्फ अफवाह, कोई सच्चाई नहीं

चार राज्यों में फैली बच्चा चोरी के दावे अफवाह ही हैं. कोई सत्यता इनमें नहीं. इस दावे को भी हमने परखा है. इसके लिए आजतक चारों राज्यो में सबसे बड़े यूपी के एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार के पास पहुंचा. पूछा कि जो बच्चा चोरी के शक में लोग पीटे जा रहे हैं. क्या ये सब अफवाह का नतीजा है ? क्या ऐसा तो नहीं कि बच्चा चोरी का कोई गिरोह उत्तर प्रदेश में सक्रिय हो?


इसपर एडीजी लॉ एंड ऑर्डर ने कहा कि ऐसी कोई गैंग की बात नहीं है. जहां कहीं भी बच्चा चोरी की सूचना मिलती है, पुलिस कार्रवाई करती है. गैंग और सुनियोजित तरीके से ऐसी घटना हो रही है, ऐसी कोई वारदात हमारे संज्ञान में नहीं है. जानकारी भी मिली है कि यूपी में पिछले एक महीने के भीतर सिर्फ सात जगहों पर बच्चा चोरी की वारदात हुई है. जबकि एक हफ्ते के भीतर ही यूपी में बच्चा चोरी की अफवाह के चलते मारपीट की 30 घटनाएं हुई हैं. जिसमें 17 FIR दर्ज करके 34 लोगों को गिरफ्तार किया गया है.


यानी बच्चा चोरी की अफवाहें ही तेजी से यूपी समेत चार राज्य में फैलकर नागरिकों की जान पर खतरा बन रही है. गौरतलब है कि कुछ वर्ष पूर्व इसी तरह अफवाह के चक्कर में कई निर्दोषों की पिटाई हुई.

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